*हिन्दु वीरों आंखे खोलो करनी अब तैयारी है
देश और धर्म की रक्षा की अब अपनी बारी है
-------------------------------------------------
हिंदु और हिंदुत्व पर देखो काले बादल छाए हैं
देशधर्म और संस्कृति पे दुश्मन नजर बिछाए हैं
-------------------------------------------------
देख हिन्द के घर औ बाहर गद्दारों का डेरा है
सावधान रहना होगा हर तरफ चोर लुटेरा है
-------------------------------------------------
सदियों से हैं हम बंटे रहे होना साथ जरुरी है
जातिवाद के कीचड़ से उठना आज जरुरी है
------------------------------------------------
अपनी भारत थी अखंड दुष्टों ने की इसे खंड
हम आपस में बंटे रहे जातियता का ले घमंड
-------------------------------------------------
सदियों से हम जुर्म सहे भारी अत्याचार हुआ
धर्म और आस्था पे वार हुआ खिलवाड़ हुआ
-------------------------------------------------
मुगल तुर्क चंगेजो के कुकृत्य नहीं हम भुले हैं
कामी अलाउद्दीन की घिन्न कृत्य ना भुले हैं
-------------------------------------------------
चौहह हजार विरांगनाऐं पद्मिनी ना भुला हूं
कुद गई वो अग्निकुंड में दर्द नहीं मैं भुला हूं
--------------------------------------------------
कैसे भूलूं औरंगजेब संभाजी को तरपाया था
कैसे भूलं मैं टीपु को जो नरसंहार मचाया था
-------------------------------------------------
कैसे भूलूं मैं शाहजहां की क्रुर शैताानी को
चौदह साल की कन्या से हुई क्रुर हैवानी को
------------------------------------------------
कैसे भूलूं बाबर को जिसने भारी पाप किया
श्रीराम के मंदिर पर नाम बाबरी लाद दिया
--------------------------------------------------
भुले नहीं सिकन्दर को नगरकोट के मंजर को
खंडित मुर्ति मां दुर्गा की सने खूं से खंजर को
--------------------------------------------------
संयोगिता की कुर्बानी चिश्ती की वो हैवानी
गुरु गोविन्द के बेटे से की उसने जो शैतानी
---------------------------------------------------
मासुम फतेह जोरावर को दिवार में चुनवाया
बंदा वैरागी को गर्म लोहे से चमरी जलवाया
--------------------------------------------------
अकबर दुष्ट दरिंदे ने जाने कितना जुर्म किया
हिन्दुस्तान के लोगों से जीते जी जुल्म किया
--------------------------------------------------
क्या कारण था मुट्ठी भर शैतानों ने राज किया
पृथ्वीराज राणाप्रताप को ना सबने साथ दिया
--------------------------------------------------
जब भी हमने हारा है घर के दुश्मन से हारे हैं
वरना औकात कहां किसमें जयचंदो से हारे हैं
---------------------------------------------------
आज वही पल फिर आया है सावधान रहना
काश्मीर को देख लिए देखे तुम लिए कैराना
----------------------------------------------------
पर हिन्दुत्व है आज भी जिन्दा सदा रहेगा
हिन्दुत्व ना झुका कभी आगे भी नहीं झुकेगा
----------------------------------------------------
कहे कवि उदय शंकर मिट गए मिटाने वाले
भरत वंश की माटी पर द्रोह रचाने वाले
----------------------------------------------------
देशधर्म निजधर्म की रक्षा जन्मों जनम करेंगे
शपथ हमें इस देवभुमि की रक्षा सदा करेंगे*
भारत स्वाभिमान दल परिचय
No comments:
Post a Comment