Friday, August 21, 2015

वात प्रकृति वाले व्यकित के लक्षण

वात प्रकृति वाले व्यकित के लक्षण वात 1. शारीरिक गठन - वात प्रकृति का शरीर प्राय: रूखा, फटा-कटा सा दुबला-पतला होता है, इन्हें सर्दी सहन नहीं होती। 2. वर्ण - अधिकतर काला रंग वाला होता है । 3. त्वचा - त्वचा रूखी एवं ठण्डी होती है फटती बहुत है पैरों की बिवाइयां फटती हैं हथेलियाँ और होठ फटते हैं, उनमें चीरे आते हैं अंग सख्त व शरीर पर उभरी हुर्इ बहुत सी नसें होती हैं । 4. केश - बाल रूखे, कड़े, छोटे और कम होना तथा दाढ़ी-मूंछ का रूखा और खुरदरा होना । 5. नाखून - अंगुलियों के नाखूनों का रूखा और खुरदरा होना । 6. आंखें - नेत्रों का रंग मैला । 7. जीभ - मैली 8. आवाज - कर्कश व भारी, गंभीरता रहित स्वर, अधिक बोलता है । 9. मुंह - मुंह सूखता है । 10. स्वाद - मुंह का स्वाद फीका या खराब मालूम होना । वात,पित्त और काफ 11. भूख - भूख कभी ज्यादा कभी कम, पाचन क्रिया कभी ठीक रहती है तो कभी कब्ज हो जाती है, विषम अग्नि, वायु बहुत बनती है । 12. प्यास - कभी कम, कभी ज्यादा । 13. मल - रूखा, झाग मिला, टूटा हुआ, कम व सख्त, कब्ज की प्रवृत्ति । 14. मूत्र - मूत्र का पतला जल के समान होना या गंदला होना, मूत्र में रूकावट की शिकायत होना । 15. पसीना - कम व बिना गन्ध वाला पसीना । 16. नींद - नींद कम आना, ज्यादा जम्हाइयां आना, सोते समय दांत किटकिटाने वाला । 17. स्वप्न - आकाश में उड़ने के सपने देखना । 18. चाल - तेज चलने वाला होता है । 19. पसन्द - नापसन्द - सर्दी बुरी लगती है, शीतल वस्तुयें अप्रिय लगती हैं, गर्म वस्तुओं की इच्छा अधिक होती है मीठे, खटटे, नमकीन पदार्थ विशेष प्रिय लगते हैं । 20. नाड़ी की गति - टेढ़ी-मेढ़ी (सांप की चाल के समान) चाल वाली प्रतीत होती है, तेज और अनियमित नाड़ी । विश्वजीत सिंह अनन्त राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत स्वाभिमान दल आओं भारत स्वाभिमान दल के सदस्य बनकर देश के अमर बलिदानियों के स्वप्नों के स्वस्थ, समृद्ध, शक्तिशाली एवं संस्कारवान भारत का पुनर्निर्माण करें सम्पर्क करें बालू सिंह राजपुरोहित 9982871008 धर्म सिंह 8535004500 कृष्ण कुमार 7830905992 चौधरी रमण श्योराण 7409947594 श्रीमती शशी शर्मा 8979808902 श्रीमती मुनेश देवी 9045761395 धीरज वत्स 9057923157 बालकिशन "किशना जी" 9111893273 गौरव कुमार मिश्रा 8755762499 प्रमोद कुमार यादव 9917648983 ऑनलाइन सदस्यता के लिए दल की वेबसाइट लॉग इन करें http://www.bharatswabhimandal.org/member.php

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