Friday, August 21, 2015

कच्ची घानी का तेल खायें !

कच्ची घानी का तेल खायें ! राजीव भाई आधुनिक विज्ञान ने हमें तेल के नाम पर विष खाने के लिए विवश कर दिया है। आज रिफाइंड तेल बनाने के नाम पर हमारे स्वास्थ्य के लिये लाभदायक महत्वपूर्ण घटक (गंध, चिपचिपापन) निकाल लिये जाते है। तेल की मूल गंध जो प्रोटीन होती है और चिपचिपापन जिसके कारण उसे तेल कहते हैं उसके निकलने के बाद वह तेल नहीं है तेल जैसा पदार्थ रह जाता है। रिफाइंड बनाने की इस प्रक्रिया में उसमें कर्इ हानिकारक रसायन ज़हर भी मिलाये जाते है। इसके साथ ही कानून की मदद से इसमें Palm oil मिलाकर बाजार में बेचा जा रहा है। जब से हम रिफाइंड तेल खाने लगे हैं तब से रक्त चाप, कैंसर, ह्रदयघात जैसे रोगों में गुणात्मक वृद्धि हुर्इ है। ओयल पहले तेल में गैसोलीन नामक केरोसिन फेमिली का रसायन मिलाकर उसे पतला किया जाता है फिर उसमें हेक्सेन मिलाकर खूब हिलाया जाता है और तेल में उपस्थित महत्वपूर्ण घटक Fatty Acid और विटामिन-र्इ तथा Minerals निकाल लिए जाते हैं जबकि हमारा शरीर इनको स्वयं नहीं बना पाता, इसी कारण ये तत्व हमें तेल से प्राप्त होते हैं। फिर इस तेल को 300 फैरेनहाइट पर उबाला जाता है ताकि गैसोलीन और हेक्सेन की दुर्गन्ध को दूर किया जा सके, तेल का मटमैला रंग निकालकर उसे ट्रांसपेरेन्ट बनाने के लिए ब्लीचिंग किया जाता है जिसके कारण वीटा केरोटिन और क्लोरोफिल खत्म हो जाता है, ये तत्व हमारे शरीर में कोलेस्ट्राल घटाने का काम करते हैं। इसके बाद Degumming प्रक्रिया द्वारा तेल के महत्वपूर्ण घटकों Phosphalipiel तथा Lecithene को निकाल लिया जाता है जिससे तेल और अधिक पतला हो जाता है। फिर तेल से उसकी दुर्गन्ध निकालने के लिए तेल को 464 डिग्री फैरेनहाइट पर गर्म किया जाता है और सबसे अन्त में इस घटिया और तत्वहीन तेल को लम्बे समय तक टिकाये रखने के लिये उसमें प्रिजरवेटिव के रुप में Synthetic Anti Oxidants डाले जाते हैं। अब आप ही सोचिए कि हम तेल खा रहे हैं या विष ? खाने के लिए घानी का तेल ही सबसे अच्छा होता है क्योंकि इसमें तेल को पेरते समय उसका तापमान 20 - 25 अंश सेन्टीग्रेट से ऊपर नहीं जाता जिससे उस तेल के तत्व नष्ट नहीं होते। जबकि रिफाइंड तेल को बनाने में उच्च तापमान का उपयोग किया जाता है और एक बार उच्च तापमान पर बना तेल दोबारा खाने योग्य नहीं होता । इसलिये खाने के लिये घानी का तेल ही सर्वोत्तम है अतः आप अपने-अपने क्षेत्र में घानी लगायें और घानी का तेल ही खायें । विश्वजीत सिंह अनन्त राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत स्वाभिमान दल आओं भारत स्वाभिमान दल के सदस्य बनकर देश के अमर बलिदानियों के स्वप्नों के स्वस्थ, समृद्ध, शक्तिशाली एवं संस्कारवान भारत का पुनर्निर्माण करें सम्पर्क करें बालू सिंह राजपुरोहित 9982871008 धर्म सिंह 8535004500 कृष्ण कुमार 7830905992 चौधरी रमण श्योराण 7409947594 श्रीमती शशी शर्मा 8979808902 श्रीमती मुनेश देवी 9045761395 धीरज वत्स 9057923157 बालकिशन "किशना जी" 9111893273 गौरव कुमार मिश्रा 8755762499 प्रमोद कुमार यादव 9917648983 ऑनलाइन सदस्यता के लिए दल की वेबसाइट लॉग इन करें http://www.bharatswabhimandal.org/member.php

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