Saturday, October 15, 2016

हिन्दू सिर्फ मुसीबत पड़ने पर मदद के लिए कहते हैं पर बिना पैसे के कोई मदद करे भी तो कैसे ।

हिन्दू सिर्फ मुसीबत पड़ने पर मदद के लिए कहते हैं पर बिना पैसे के कोई मदद करे भी तो कैसे ।
मुसलमान जकात देते समय कभी नहीं पूछता कि उसके पैसे का क्या होगा या हमारा पैसा किसके पास पहुँचेगा या उस पैसे पर टैक्स की छूट मिलेगी या नहीं ।
हिन्दू सिर्फ सवाल ही करता रहता है पैसे बैंक में पड़े पड़े बढ़ रहे हैं पर कितने भी बढ़ जाए आपको मौत से नहीं बचा सकते ना आपके बच्चों को । धर्मयुद्ध की शुरुवात हो चुकी है दुश्मन गजवा ए हिन्द और नारा ए तकबीर के साथ तैयार है और ललकार रहा है ।
क्या हिन्दू नहीं चाहेगा भारत स्वाभिमान दल अपने लक्ष्य सम्वैधानिक हिन्दू राष्ट्र भारत बनाने में कामयाब हो ।
भारत स्वाभिमान दल इसीलिए बनाया है और इसे साम दाम दंड भेद की नीतियों से हिन्दू धर्म के लिये कूछ बड़ा और सम्पूर्ण प्लानिंग व तैयारी के साथ करना है उसके लिये बहुत पैसा चाहिए।

आप लोग यदि हिन्दुत्व को प्रमुखता देते हो तो ही संगठन से जुड़े, और यदि आप सदस्यता में लाभ ढुंढते हो तो न जुड़े। क्योंकि उन हिन्दुओं से अच्छे तो मुसलमान है जिनके लिए धन तो बहुत तुच्छ वस्तु हैं, वो आत्मघाती बनकर अपने मजहब के लिए अपने आप को उडा डालते है, मौलाना के एक आदेश पर अपने मजहब के लिए जान दे देते हैं, आपकी तरह स्वार्थ नहीं ढूंढते।
फिर कह रहे हैं, हमें हिन्दुत्वनिष्ठ सदस्य ही चाहिए, साथ में सदस्यता शुल्क भी चाहिए, लेकिन कुतर्क व अनावश्यक चैट गाल बजाई नहीं चाहिए, जब सदस्य अपने आप को सिद्ध कर देगा, तो हमें जो करना है वो हम शेयर करेंगे, इससे पहले कदापि नहीं।
जिन्हें भारत स्वाभिमान दल की नीतियों पर विश्वास हो वही जुड़ें, अन्यथा लोग तो देश के लिए अपना सब कुछ दाव पर लगा देने वाले महान क्रान्तिकारी पं. रामप्रसाद बिस्मिल को भी लूटेरा व डाकू ही कहते थे।

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