Saturday, July 30, 2016

जवाहरलाल नेहरू की गलत नीतियां जिनके दुश्परिणाम आज देश भुगत रहा है

*1) कोको आईसलैड* - 1950 में नेहरू ने भारत का ' कोको द्वीप समुह' ( Google Map location -14.100000, 93.365000 ) बर्मा को गिफ्ट दे दिया. जो कोलकाता से 900 KM दूर समंदर में है ।
बाद में बर्मा ने कोको द्वीप समुह चायना को दे दिया, जहाँ से आज चीन द्वारा भारत पर हेरगिरी एवं निगरानी होती हैं ।
*2) काबू व्हेली मनिपुर -* जवाहरलाल नेहरू ने 13 Jan 1954 को भारत के मनिपुर प्रांत की काबू व्हेली दोस्ती के तौर पर बर्मा को दे दी. काबू व्हेली लगभग 11000 स्के. किमी है और कहते है के ये कश्मीर से भी खुबसुरत है.
आज बर्मा ने काबू व्हेली का कुछ हिस्सा चीन को दे रखा है जहां से चीन भारत पर हेरगिरी कर रहा हैं ।।
*4) भारत - नेपाल विलय -* 1952 में नेपाल के तत्कालीन राजा त्रिभुवन विक्रम शाह ने नेपाल को भारत में विलय कर लेने की बात जवाहरलाल नेहरू से कही, लेकिन नेहरू ने ये कहकर उनकी बात टाल दी की नेपाल भारत में विलय होने से दोनों देशों का फायदे के बजाय नुकसान ही होगा और नेपाल का टुरिज़म भी बंद होगा ।।।
*5) UN Permanent Seat*- नेहरू ने 1953 में अमेरिका की उस पेशकश को ठुकरा दिया था, जिसमें भारत से सुरक्षा परिषद ( United Nations ) के स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल होने को कहा गया था। इसकी जगह नेहरू ने चीन को सुरक्षा परिषद में शामिल करने की सलाह दे डाली ।
आज भी चीन ,पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के कई प्रस्ताव UN में नामंजूर करता है, हाल ही में आतंकवादी मसुद अजहर को अंतराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने का भारत का प्रस्ताव UN में चीन ने ठुकरा दिया है ।
*6) जवाहरलाल नेहरू और लेडी मांउटबेटन* - लेडी माउंटबेटन की बेटी पामेला ने अपनी एक किताब में लिखा है कि दोनों के बीच संबंध था. लॉर्ड माउंटबेटन भी दोनों को अकेला छोड़ देते थे. अब खुद लॉर्ड माउंटबेटन अपनी पत्नी को एक गैर के साथ खुला क्यूं छोड़ते थे यह एक राज है. लोग मानते हैं कि ऐसा कर लॉर्ड माउंटबेटन जवाहरलाल नेहरू से भारतीय क्रान्तिकारियों के कई राज निकाले थे और नेहरू को अपनी अंगुली पर नचाते थे।
*7) पंचशील समझौता -* नेहरू चीन से दोस्ती के लिए बहुत ज्यादा उत्सुक थे। नेहरू ने 1954 को चीन के साथ पंचशील समझौता किया। इस समझौते के साथ ही भारत ने तिब्बत को चीन का हिस्सा मान लिया।
नेहरू ने चीन से दोस्ती की खातिर तिब्बत को भरोसे में लिए बिना उस पर चीन के 'कब्जे' को स्वीकृति दे दी। बाद में 1962 में जब भारत चीन युद्ध हुआ तो चीनी सेना इसी तिब्बत के मार्ग से भारत के अंदर तक घुस आई.
*8) 1962 भारत चीन युद्ध* -चीनी सेना ने 1962 में भारत को हरा दिया, हार के कारणों को जानने के लिए भारत सरकार ने ले.जनरल हेंडरसन और कमानडेंट ब्रिगेडियर भगत के नेतृत्व में एक समिति बनाई थी। दोनों अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में हार के लिए प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया.
चीनी सेना अरूणाचल प्रदेश, आसाम, सिक्किम तक अंदर घुस आने के बाद भी नेहरु ने हिंदी चीनी भाई भाई कहते हुए भारतीय सेना को चीन के खिलाफ एक्शन लेनेसे रोक कर रखा, परिणाम स्वरूप हमारे कश्मीर का लगभग 14000 स्के. किमी भाग पर चिनने कब्जा कर लिया जिसमे कैलाश पर्वत, मानसरोवर और अन्य तीर्थ स्थान आते हैं।
*9) भारत के गौरवशाली इतिहास को नष्ट करने का हर सम्भव प्रयास किया, हिन्दू विरोधी लोगो से भारतीय इतिहास लिखवाया, स्वयं भी हिन्दू विरोध में अंधे होकर "भारत की खोज" नाम से एक भ्रामक पुस्तक लिखकर भारत देश की संस्कृति व सभ्यता को कलंकित करने का दुश्कर्म किया।
*10) भारत के संविधान को हिन्दू विरोधी बनवाया, गैर हिन्दुओं को विशेषाधिकार दिलवाये, धर्म के आधार पर देश के विभाजन के बाद भी मुस्लिमों को भारत में रोक कर रखा, और मुस्लिम तुष्टिकरण को जमकर बढ़ावा दिया।
ऐसा था जवाहर नेहरू जिसके ठरकीपन के किस्सों पे तो किताब लिखी जा सकती है।

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