Wednesday, September 14, 2016

बकर ईद पर पशु बलि के बाद बारिश हुई तो ऐसा हाल हुआ बंगलादेश की सड़को का

बकरा-ईद में अल्लाह की कुर्बानी के नाम पर कत्ल किये गए बकरे और गाय के खून से जब बारिश की पानी मिला तो कुछ ऐसा हाल था ढाका बांग्लादेश की सड़क का । होली-दिवाली-गणपति- शिवरात्रि पर ज्ञान छाँटने वाले पशु-प्रकृति प्रेमी, बुद्धिजीवी, ख़बरंडियाँ आज बोटियाँ तोड़ने में इस तरह व्यस्त है की खून से सनी सड़कें गलियाँ नहीं दिखेगी ।
आप में से कम ही लोग जानते होंगे की अरबी भाषा में "बकरा" (Baqara) का अर्थ असल में "गाय" (Cow / Heifer) होता है । जिस त्योहार को आप अब तक बकरे की कुर्बानी देने की बजह से "बकरा-ईद" समझा करते थे , वो असल मे "गाय" की कुर्बानी का त्योहार है । कुरान मे एक पूरी सूरा ही इसी पर है -- नाम Surah Al Baqarah जिसमे कुल 286 आयतें हैं । Al Baqarah शब्द का अर्थ आप Wikipedia / Google पर चेक कीजिये ।
कभी माँ दुर्गा के एक रूप "ढाकेश्वरी देवी" के लिए विख्यात ढाका शहर का आज यह हाल देख आँखों में आँसू आ गये । इस्लामिक आक्रमण ने न सिर्फ वैदिक सनातनी संस्कृति को नष्ट किया, बल्कि अपनी पैशाचिक विचारधारा से उन्हें अपने ही भाइयों का जानीदुश्मन बना दिया। यही है इस्लाम -- बस इतना सा ही है इस्लाम

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