:- हर स्त्री पत्नी नही हो सकती।
पत्नी पवित्र शब्द है।
इसे पति का स्त्रीलिंग
( पति+ङीप्, नुक्=पत्नी) कहना अनुचित है। पाति रक्षति पा+इति=पति अर्थात
स्वामी, किन्तु पत्नी का अर्थ
स्वामिनी नहीं है।
पति+नी
(नी+क्विप्)=पतिनि शब्द का
अपभ्रंश है, पत्नी।
नी का अर्थ
है, पथ प्रदर्शक अग्रणी आगे-
आगे चलने वाला।
इसी प्रकार
पतिनी का अर्थ है- पति को
साथ लेकर धर्म, अर्थ, काम,
मोक्ष की प्राप्ति में उसके आगे
आगे चलने वाली स्त्री।
पतिनी
= पत्नी। पत्नी के चार रूप है-
धर्म पत्नी, अर्थ पत्नी, काम पत्नी, मोक्ष पत्नी।
जिस स्त्री
में ये चारों विशेषतायें हैं, वह
पूर्ण पत्नी है।
महाराज दशरथ
की पत्नी कैकयी पूर्ण पत्नी थी।
उसने देव दानव युद्ध में
देवताओं का पक्ष लेकर लड़ रहे अपने पति दशरथ के साथ रह कर रथ संचालन करती हुई धर्म पत्नी का रूप
प्रस्तुत किया।
रथ के नष्ट हो जाने पर उस रथ को पुनः जोड़ कर उन्हें विजय दिलाकर उनका अर्थ सिद्ध
किया। इसलिये अर्थ पत्नी हुई।
उनके काम भाव को तुष्ट
करते हुए उसने भरत जैसा
महान पुत्र दिया।
इसलिए काम पत्नी हुई।
अंत में उसने अपने प्रति अनुरक्त दशरथ को
फटकार कर उनका मोह भंग किया।
जिससे वे राम का नाम लेते हुए मोक्ष पद प्राप्त
किया।
इस प्रकार वह मोक्ष पत्नी हुई।
ॐ हरि ॐ।
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Tuesday, August 23, 2016
पत्नी शब्द की बहुत अच्छी व्याख्या
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