Tuesday, August 23, 2016

श्री कृष्ण जन्माष्टमी आने वाली है...

एक मैसेज अभी सोशल मीडिया में चल रहा हैं, जिसमे प्रभु श्री कृष्णा को टपोरी, लफड़ेबाज़, मर्डरर, तड़ीपार, इत्यादि कहा गया हैं ।
🚫अपने देवताओं को टपोरी बिलकुल भी ना कहें।
कृष्ण जी ने नाग देवता को नहीं बल्कि लोगों के प्राण लेने वाले उस दुष्ट हत्यारे कालिया नाग का मर्दन किया था जिसके भय से लोगों ने यमुना नदी में जाना बन्द कर दिया था।
🚫कंकड़ मारकर लड़कियाँ नहीं छेड़ते थे, अपितु दुष्ट कंस के यहाँ होने वाली मक्खन की जबरन वसूली को अपने तरीके से रोकते थे और स्थानीय निवासियों का पोषण करते थे।
और दुष्ट चाहे अपना सगा ही क्यों न हो, पर यदि वो समाज को कष्ट पहुँचाने वाला हो तो उसको भी समाप्त करने में संकोच नहीं करना चाहिए, यह भगवान कृष्ण से सीखा है।
🚫16000 लफड़े नहीं थे, नरकासुर की कैद से छुड़ाई गई स्त्रियाँ थी। जिन्हें सम्भवतः समाज स्वीकार नहीं कर रहा था, उन्हें पत्नी का सम्मानजनक दर्जा दिया। वो भोगी नहीं योगी थे।

इसलिए उन्हें भगवान मानते हैं।

कृपया भविष्य में कभी भी किसी हिन्दू देवी देवता के लिये कोई अपमानजनक बात न तो प्रसारित करें और न ही करने दें।
यदि यह संदेश किसी और ने आपको भेजा है तो उसे भी रोकें। मेरी आप सबसे हाथ विनती है कि अगर आप के और किसी भी अन्य Group में या FaceBook पर कृष्णा के लिए गलत शब्दों का प्रयोग किया गया मैसेज देखें तो इस मैसेज को वहां पोस्ट जरूर करें।।

आप को एवं आप के परिजनोँ को
जन्माष्टमी की कोटि-कोटि बधाईयाँ
     जय श्री कृष्ण🌹👏�👏�

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