जब हम बुरे कर्म करते
जैसे चोरी, व्याभिचार, मांसाहार,
दूसरो का अहित
तो हमे जो अंदर से
टोकता, धिक्कारता, मन मे
शंका, लज्जा उत्पन्न करता वह
परमात्मा
जब हम अच्छे कार्य करते
किसी की सहायता भोजन, दवा, जल , आदि से
दान ,परोपकार से ,संसार का
किसी प्रकार से उपकार करते
तो हमे अंदर से
उत्साह, आनंद, निर्भयता
प्रसन्नता
आदि प्रदान करता वह ईश्वर
और यह सभी को होता है
इस प्रकार परमात्मा हमे रोज
अनेको बार सम्हालता है
इससे अधिक जानना हो तो
समाधि योग से जाना जा सकता है
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