>>>>>>>>>>>> अपनी सेना , शस्त्र , कुटिलता , व्यूहरचना , बुद्धि पर अंग्रेज़ो को घमंड था ,। सिंगापूर मे जब जापानियों ने आक्रमण किया तो नपुसको की भांति शस्त्र त्याग करके अंग्रेज़ो भाग गए ,तब अंग्रेज़ समर्पित अपने भारतीय सैनिको ने जिसे अंग्रेज़ “जंगली” कहते थे वही *जंगली* सेना ने निडरता पूर्वक प्रत्याक्रमण करके अंग्रेज़ो की रक्षा की थी ।
>> अंग्रेज़ अपनी जात को अपराजय समझते थे , वही अंग्रेज़ो को जापानियों ने ब्रह्मदेश के पर्वतीय मार्ग पर कोरडे मार मार कर रंगून पर्यंत दीर्घ *पथ संचलन* करवाया था तब अंग्रेज़ो की स्थिति द्दयामय थी ।
[][] अंग्रेज़ो का द्विमुखी व्यवहार :------ श्वेतचर्मी अंग्रेज़ भारतीय लोगो को ‘कुली / श्रमिक “ ‘भारवाहक ‘’ जंगली / barbarians कहके संबोधित किया करते थे होटल , मंडल पर प्रचारफ़लक / बोर्ड लगवाते थे –“ *Dogs & Indians not Allowed* “
स्वतन्त्रता की मांग करने वाले क्रांतिविरो को कारावास मे बांध करके अमानुषी अत्याचार एवं यंत्रणा डे कर मृत्युदंड दिया था , वही भारतीयो ने धूर्त अंग्रेज़ो को बर्मा मे बचाए , ( मानसिक दासता का परिणाम था ) अंग्रेज़ अधिकारी भारतीय सैनिको का अपमान , अभद्र भाषा , अपशब्द मे , गाली देते थे , सामान्य त्रुटि मे भारतीय सैनिको को गोली से उड़ा देते थे । गांधी – नहेरु को सब ज्ञात था किन्तु लज्जित नेता मौन ‘तपस्वी ‘ बन गए ।
एशिया , मलाया एवं ब्रह्मदेश मे अंग्रेज़ो की बांध मुष्टि खुल गई , महा भयंकर पराजित हुए , स्वयं ब्रिटन विदेश मंत्रालय सचिव एलेक्झांडर केडोगा ने कहा की :--“” हमारी अभेद्य सेना आज विश मे हास्यपात्र बन गई है ‘’
🔴🔴🔴🔴 *प्रश्न* :----------------------------
द्वितीय विश्वयुद्ध मे लड़ती हमारी सेना अंग्रेज़ो के स्थान पर द्विगुणित अर्थात 25.00.000 थी तो विश्वयुद्ध भारत लड़ रहा था या ब्रिटन ?
प्रश्न का उत्तर न तो गांधी के पास था ,,,न तो जवाहर के पास ,,,, न तो वर्तमान कोंग्रेसियों के पास ! !
स्त्रोत ---सफारी सामयिक
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Wednesday, August 24, 2016
हमारे पूर्व नेता धूर्त ,कुटिल अंग्रेज़ो से अज्ञात क्यू थे ?
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