Wednesday, August 24, 2016

कहीं बाद में पछताना ना पडे

नानक जी के पास सतसंग में एक लड़का
प्रतिदिन आकर बैठ जाता था।
एक दिन नानक जी ने उससे पूछाः "बेटा !
कार्तिक के महीने में सुबह इतनी जल्दी आ
जाता
है, क्यों ?
"वह बोलाः "महाराज ! क्या पता कब
मौत आकर
ले जाये ?
"नानक जीः "इतनी छोटी-सी उम्र का
लड़का !
अभी तुझे मौत थोड़े मारेगी ? अभी तो तू
जवान
होगा, बूढ़ा होगा, फिर मौत आयेगी।
"लड़काः "महाराज ! मेरी माँ चूल्हा जला
रही
थी। बड़ी-बड़ी लकड़ियों को आगने नहीं
पकड़ा
तो फिर उन्होंने मुझसे छोटी-छोटी
लकड़ियाँ
मँगवायी। माँ ने छोटी-छोटी लकड़ियाँ
डालीं
तो उन्हें आग ने जल्दी पकड़ लिया। इसी
तरह हो
सकता है मुझे भी छोटी उम्र में ही मृत्यु पकड़
ले।
इसीलिएमैं अभी से सतसंग में आ जाता हूँ।
जल्दी से परमात्मा का ध्यान करके जीवन
सफल
बना लो इन स्वांसो से बडा दगाबाज कोइ
नही
है ..कहीं बाद में पछताना ना पडे..🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🍁🌹🍁🍁🌹🍁🍁🌹

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