Monday, August 15, 2016

सत्ता-हस्तांतरण दिवस V/S स्वतंत्रता दिवस

अंग्रेजी टैक्स
अंग्रेजी शिक्षा
अंग्रेजी न्याय व्यवस्था
अंग्रेजी लोकतंत्र
अंग्रेजी दवा
अंग्रेजी नियम नियम कानून
अंग्रेजी संविधान
अंग्रेजी भाषा
आज भी अंग्रेज के लिए बनता कोरोनेशन पार्क दिल्ली के बुराड़ी में
अंग्रेजी वेशभूषा
अंग्रेजी करेंसी के आगे गिरता रुपया

क्या यह सब आज़ादी है ?

आप ही बताएं इस सबके रहते क्या आप और हम आज़ाद है ?

हम परोक्ष रूप से आज़ाद हैं लेकिन हमारी लूट आज भी जारी है । हम आज भी गुलाम हैं अंग्रेजो के ।

हमारा ध्वज भगवा था जिसे बदल कर सेक्युलरिज्म की नींव रखी गयी
हरा रंग विकास का प्रतीक बनाकर उसपर गौभक्षक पिशाचों को हमारा भाई बताकर देश की जनता को मूर्ख बनाया गया ।

भारत के 3 टुकड़े कर दिए और 2 टुकड़े दे दिए अरब साम्राज्यवादी आक्रांताओं की सन्तानों को जो मुस्लिम राष्ट्र कहलाये, लेकिन भारत फिर भी हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं किया ।

क्या यही है आज़ादी ?

क्या होती है आज़ादी ?? क्या भारत के पढ़े लिखे लोग अंग्रेजो के गुलाम बनने के लिए पैदा हुए हैं ? क्या है ये सर्विस सेक्टर ? क्यों है इसमें ये नौकरियां ? जरा करेंसी को बराबर कर दो जरा फिर देखते हैं कौन किसको नौकरी देता है ।

जागो भारतवासी । सत्य को जानो ।
मानसिक गुलामी को तोड़ो और जागृत होइए ।

भारत तब आज़ाद होगा जब उसके अपने कानून होंगे, उसके अपने भाषा होगी, उसकी अपनी शिक्षा होगी, उसकी करेंसी विश्व के बराबर होगी , उसकी जनता से टैक्स के नाम पर लूट नहीं होगी, उसका असली इतिहास पढ़ाया जायेगा, उसका असली भगवा ध्वज उसकी पताका होगा । तब होगी हमारी आज़ादी । अभी वह दिन नहीं आया है मेरे भाई । अभी नहीं आया ।

भारत स्वाभिमान दल

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